कल कारगिल विजय दिवस पर फिर से हुई सबकी आंखें नम | Kargil Vijay Diwas: India Celebrates Victory Over Pakistan

Monday, May 20, 2024 | Last Update : 01:55 AM IST

कल कारगिल विजय दिवस पर फिर से हुई सबकी आंखें नम

कल कारगिल युद्ध को पूरे 18 साल हो चुके थे। परंतु शहीदों की याद को अब तक कोई भी नहीं भूल पाया है।
Jul 27, 2017, 11:40 am ISTShould KnowAazad Staff
कारगिल विजय दिवस
  कारगिल विजय दिवस

इस शहीदी दिवस के दिन को याद कर के शहीदों के परिवार की आंखें नम हो गयी थी। परंतु साथ ही में उनका सीना गर्व से ऊंचा भी हो जाता है कि उन के वीर पुत्रों ने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए हंसते-हंसते जान दे दी।

जंग के 18 साल

पाकिस्तानी घुसपैठ का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए उतरी भारतीय फौज ने जी जान लगा दी थी। आज इस जंग को पूरे 18 साल हो चुके हैं। 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को बुरी तरह से हराकर कारगिल पर तिरंगा लहराया था। बस उस दिन से हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। कल कारगिल विजय दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, कि हमारे देश की रक्षा और गर्व के लिए जवानों ने जी जान से कारगिल में लड़ाई लड़ी थी। हमें उन जवानों पर फक्र है।

कल इंडिया गेट में रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने सेना की अगवाई के तीन अंगों के प्रमुख, कारगिल की जंग में अपनी जान की बाजी लगाए हुए शहीदों को श्रद्धांजलि दी। कारगिल कि इस लड़ाई में उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अनूप के साथ बहादुर शहीद हुए जवान के परिजनों ने कारगिल के रण बांकुरों को अपने श्रद्धा पुष्प चढ़ाए थे। उस वक्त उन सबकी आंखें नम थी।

500 से अधि‍क जवान हुए थे शहीद

इस शहीदी दिवस को मनाने के पीछे खास कारण यह है, कि 1999 में कुछ पाकिस्तानी भारत की सरहद को पार कर के अंदर चले आए थे। उन पाकिस्तानी घुसपैठियों को कारगिल में भारतीय सेना ने खदेड़ कर बाहर फेंक दिया था। इसीलिए 26 जुलाई से उन वीर सैनिकों की कुर्बानी की याद में यह विजय दिवस मनाया जाता है। इस मिशन का नाम था "ऑपरेशन विजय"। इसके अंदर कुल 530 भारतीय सपूतों ने बिना अपने प्राण की परवाह किये शहीद हो गए।

आपको बता दें कि वाजपेयी सरकार के समय तत्कालीन कार्यकाल पूरे 2 महीने से भी ज्यादा समय तक चला था, और इसी दौरान "लाइन ऑफ कंट्रोल" जो कि भारतीय थल सेना और वायु सेना को पार न करने का आदेश दिया गया था। इन सब आदेश के बावजूद भी अपनी मातृभूमि की रक्षा करने के लिए वायु सेना और थल सेना ने मिलकर बहुत ही बहादुरी के साथ आक्रमणकारियों को अपनी भारतीय भूमि से मार भगाया था। बस उस दुश्मन के ऊपर विजय हासिल करने की याद में 26 जुलाई को हर साल कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है।

 

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