Jivitputrika Vrat, जीवित्पुत्रिका वृत

Friday, Apr 19, 2024 | Last Update : 12:33 PM IST

जीवित्पुत्रिका वृत (Jivitputrika Vrat) पुत्र की लम्बी आयु का वृत  (सोमवार २ अक्टूबर २०१८ से ३ अक्टूबर २०१८ )

जीवित्पुत्रिका वृत विशेष तौर पर उत्तर प्रदेश, बिहार और नेपाल में विवाहित मातायै अपने संतान तथा अपने पुत्र की सुरक्षा तथा लम्बी आयु के लिये रखती है |
Sep 13, 2017, 8:54 pm ISTFestivalsSarita Pant
Jivitputrika Vrat
  Jivitputrika Vrat

जीवित्पुत्रिका वृत (Jivitputrika Vrat) पुत्र की लम्बी आयु का वृत है|  जीवित्पुत्रिका वृत विशेष तौर पर उत्तर प्रदेश, बिहार और नेपाल में विवाहित स्त्रियाँ, मातायै अपने संतान तथा अपने पुत्र की सुरक्षा तथा लम्बी आयु के लिये रखती है | हिन्दू पंचाग के अनुसार यह वृत अश्विन माह को मनाया जाता है |

इस दिन सूर्य नारायण की पूजा की जाती है भगवान सूर्य की मूर्ति को स्नान करवा केर बाजरा और चने से बने पदार्थ का भोग लगाया जाता है प्रसाद में खड़े फल ही दिये जाते है इस दिन मातायै निर्जला वृत करती है जिसमें पूरा दिन एवं रात में पानी नहीं पिया जाता है | 

जीवित्पुत्रिका वृत इसे तीन दिन तक मनाया जाता है | इस वृत को तीन दिन अलग-अलग विधि से किया जाता है | 

पहला दिन नहाई -खाई का होता है जिसमे मातायै नहाने के बाद एक बार भोजन करती है |

दूसरे दिन खुर जितिया वृत होता है जिस दिन महिलाये निर्जला वृत करती है|

तीसरे दिन पारण होता है इस दिन बहुत सी चीजे बनायीं जाती है  जैसे नोनी का साग, एवं मंडुआ की रोटी | इस प्रकार से तीन दिन का उपवास होता है |
 

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