विश्व दुग्ध दिवस : भारत का विश्व दूध उत्पादन में कौन सा स्थान है ?

Aazad Staff

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पहला राष्ट्रीय दुग्ध दिवस २६ नवम्बर २०१४ को मनाया गया था जिसमें २२ राज्यों के विभिन्न दुग्ध उत्पादकों ने भाग लिया था।

विश्व दुग्ध दिवस प्रत्येक वर्ष १ जून को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत १ जून २००१ को संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन के द्वारा की गई थी। दूध उत्पादन में भारत का स्थान प्रथम है, भारत का विश्व दुग्ध उत्पादन में १७ प्रतिशत हिस्सा है भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में कृषि के बाद डेयरी उद्योग की प्रमुख भूमिका है। वहीं दूसरे स्थान पर अमेरिका का नाम आता था। जबकि तीसरे स्थान पर पाकिस्तान का नाम आता है। वहीं चीन चौथे तथा जर्मनी पाँचवें स्थान पर स्थित है।

विश्व दुग्ध दिवस मनाने का मुख्य उद्देश दूध और इससे संबंधित उद्योगों का प्रचार-प्रसार करना है। इसके अलावा प्राकृतिक दूध के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढाई जा सके। जैसे- इसकी स्वाभाविक उत्पत्ति, दूध का पोषण संबंधी महत्व और विभिन्न दूध उत्पाद सहित पूरे विश्वभर में इसका आर्थिक महत्व। विभिन्न उपभोक्ताओं और दूध उद्योग के कर्मचारियों के भाग लेने के द्वारा कई देशों (मलेशिया, कोलंबिया, रोमानिया, जर्मनी , संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका आदि) में इसे मनाने की शुरुआत की गयी।

दुग्ध उद्योग भारत का एक ऐसा उद्योग है जिस पर ग्रामीण क्षेत्र के सबसे ज्यादा लोग निर्भर रहते हैं। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश सबसे अधिक आबादी वाला राज्य होने के साथ साथ भारत में सबसे अधिक दूध उत्पादन करने वाला राज्य भी है। भारत में कुल दूध का यहां १७% से भी ज्यादा उत्पादन किया जाता है।

वर्ष १९७० में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि और ग्रामीण क्षेत्र की आय में वृद्धि के लिए ऑपरेशन फ्लड की शुरुआत की गई। ऑपरेशन फ्लड तीन चरणों में पूरा किया गया। ऑपरेशन फ्लड ने भारत को दुग्ध उत्पादन में शीर्ष स्थान पर स्थापित किया। ऑपरेशन फ्लड के जनक डॉक्टर वर्गीज कुरियन है ऑपरेशन फ्लड प्रथम १९७० में शुरू किया गया जबकि ऑपरेशन फ्लड द्वितीय १९८१ में शुरू किया गया और इसका तीसरा चरण यानी ऑपरेशन फ्लड तृतीय सन १९८५ में विश्व बैंक और यूरोपीय आर्थिक समुदाय द्वारा शुरू किया गया। ?ऑपरेशन फ्लड' आगे चलकर श्वेत क्रांति या दुग्ध क्रांति के रूप में जाना गया।

भारत में दूध की सबसे बड़ी कंपनी अमूल है। अमूल , गुजरात आधारित देश का सबसे बड़ा दुग्ध सहकारी है। अमूल ने ग्रामीण विकास का एक सम्यक मॉडल प्रस्तुत किया है। अमूल (आणंद सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ), की स्थापना १४ दिसंबर, १९४६ मे एक डेयरी यानि दुग्ध उत्पाद के सहकारी आंदोलन के रूप में हुई थी। जो जल्द ही घर घर मे स्थापित एक ब्रांड बन गया जिसे गुजरात सहकारी दुग्ध वितरण संघ के द्वारा प्रचारित और प्रसारित किया गया। अमूल ने भारत में श्वेत क्रान्ति की नींव रखी जिससे भारत संसार का सर्वाधिक दुग्ध उत्पादक देश बन गया है।

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