विश्व रक्त दान दिवस का महत्व

Aazad Staff

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डॉक्टर कार्ल लैंडस्टीनर का आज ही के दिन हुए था जन्म।

आज विश्व भर में रक्त दान दिवस मनाया जा रहा है। रक्त दान महादान है। अपने खून के कुछ कतरों से अगर किसी के जीवन को नया जीवन दान मिलता है तो इससे बड़ा दान क्या हो सकता है। आज के दिन जागरूकता अभियान चलाया जाता है और जनमानस को मुफ्त रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया जाता है।

वर्ष 1997 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 100 फीसदी स्वैच्छिक रक्तदान नीति की नींव डाली और विश्व के सभी देशों में स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने का संकल्प दोहराया। लोगों को रक्तदान की मुहिम में शामिल करने के लिए वर्ष 2004 से 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया गया। आधुनिक ब्लड ट्रांसफ्यूजन का पितामह कहे जाने वाले व ऑस्ट्रियाई जीवविज्ञानी और भौतिकीविद के महान वैज्ञानिक ?कार्ल लेण्डस्टाइनर? का जन्म 14 जून को हुआ था। इनकी याद में आज के दिन को विश्व रक्त दान दिवस के रुप में मनाया जाता है।

क्या आप जानते है कि भारत में हर दिन करीब 38000 लोगों को रक्त की जरूरत पड़ती है। और वहीं करीब 12000 लोगों की खून की कमी के कारण जान चली जाती है। विश्व रक्त दान दिवस का मक्सद हर एक किलोमीटर पर कम से कम 10 लोगों को रक्त दान के लिए प्रेरित करना है।

कौन कर सकता है रक्तदान -
रक्तदान करने से शरीर में कोई खून की कमी नहीं आती। कोई भी स्वस्थ व्यक्ति हर तीसरे महीने रक्तदान कर सकता है। रक्त दान करने के लिए 18-60 साल की उम्र होनी चाहिए इसके साथ ही वजन 50 किलो से अधिक होना चाहिए। इसके साथ ही ब्लड में हीमोग्लोबिन लेवल 12.5% होना चाहिए।

ये व्यक्ति नहीं कर सकते रक्त दान -
? हाई बीपी, डायबिटीज के मरीज
? किडनी की बीमारी से जूझ रहे मरीज
? महिला मिसकैरिज के 6 महीने तक रक्तदान नहीं कर सकती
? मलेरिया के मरीज 3-4 महीने तक रक्त दान नहीं कर सकते
? किसी प्रकार का टीकाकरण कराने के 1 महीने बाद ही रक्त दान कर सकते हैं
? एल्कोहॉल का सेवन करने के बाद 24 घंटे तक रक्त दान नहीं कर सकते

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