भारत का ‘ग्रैंड ओल्ड मैन’ और ‘भारतीय राजनीति का पितामह’ दादा भाई नैरोजी की जयंती 4 सितंबर

Aazad Staff

Leaders

दादाभाई नौरोजी को सम्मानपूर्वक ‘ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ़ इंडिया’ कहा जाता था। वो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की नींव रखने वाले लोगों में से एक थे। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और तीन बार अध्यक्ष भी रहे। स्वराज (स्व-शासन) की मांग उनके द्वारा 1906 में एक अध्यक्षीय भाषण में सार्वजनिक रूप से व्यक्त की गई।

दादाभाई नौरोजी का जन्म 4 सितम्बर 1825 को बम्बई के एक गरीब पारसी परिवार में हुआ था। दादाभाई नौरोजी जब केवल चार साल के थे तब उनके पिता नौरोजी पलांजी डोरडी का देहांत हो गया।उनका पालन-पोषण उनकी माता मनेखबाई द्वारा हुआ जिन्होंने अनपढ़ होने के बावजूद भी यह तय किया कि दादाभाई नौरोजी को यथासंभव सबसे अच्छी अंग्रेजी शिक्षा मिले। एक छात्र के तौर पर दादा भाई नौरोजी गणित और अंग्रेजी में बहुत अच्छे थे। उन्होंने बम्बई के एल्फिंस्टोन इंस्टिट्यूट से अपनी पढाई पूरी की और शिक्षा पूरी होने पर वहीँ पर अध्यापक के तौर पर नियुक्त हो गए। दादा भाई नौरोजी एल्फिंस्टोन इंस्टिट्यूट में मात्र 27 साल की उम्र में गणित और भौतिक शास्त्र के प्राध्यापक बन गए। किसी विद्यालय में प्राध्यापक बनने वाले वो प्रथम भारतीय थे।

1867 में दादाभाई नौरोजी ने ईस्ट इंडिया एसोसिएशन की स्थापना में सहायता भी की जो भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस की एक मुख्य संस्था थी जिसका मुख्य उद्देश् ब्रिटिशो के सामने भारतीयो की ताकत को रखना था। बाद में लंदन की एथेनॉलॉजिकल सोसाइटी ने इसे प्रचारविधान संस्था बतलाकर 1866 में भारतीयो की हीनभावना को दर्शाने की कोशिश की। इस संस्था को बाद में प्रसिद्द यूरोपियन लोगो का सहयोग मिला और बाद में ईस्ट इंडिया एसोसिएशन में ब्रिटिश संसद पर अपना प्रभाव छोड़ना शुरू किया।

1874 में वे बारोदा के प्रधानमंत्री बने और 1885 से 1888 तक मुंबई लेजिस्लेटिव कौंसिल के सदस्य बने। वे सर सुरेन्द्रनाथ बनर्जी द्वारा कलकत्ता में बॉम्बे के भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस की स्थापना से पूर्व भारतीय राष्ट्रिय एसोसिएशन के सदस्य भी बने। भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस और भारतीय राष्ट्रिय एसोसिएशन का एक ही उद्देश था। बाद में इन दोनों को मिलकर INC की स्थापना की गयी, 1886 में नौरोजी की भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया। नौरोजी ने 1901 में अपनी किताब ?Poverty And Un-British Rule in India? को प्रकाशित किया।

Latest Stories

Also Read

CORONA A VIRUS? or our Perspective?

A Life-form can be of many forms, humans, animals, birds, plants, insects, etc. There are many kinds of viruses and they infect differently and also have a tendency to pass on to others.