जीजाबाई भोंसले का जन्म और पौराणिक जीवन

Aazad Staff

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जीजाबाई भोंसले शाहजी भोंसले की पत्नी तथा छत्रपति शिवाजी की माता थीं। इन्हें ‘राजमाता जीजाबाई’ और साधारणतः ‘जीजाई’ के नाम से जाना जाता है।

जीजाबाई का जन्म सिंदखेड गांव में हुआ था । यह स्थान वर्तमान में महाराष्ट्र के विदर्भ प्रांत में बुलढाणा जिले के मेहकर जनपद के अन्तर्गत आता है । जीजाबाई उच्चकुल में उत्पन्न असाधारण प्रतिभाशाली स्त्री थीं । जीजाबाई जाधव वंश की थीं और उनके पिता एक शक्तिशाली सामन्त थे । जीजाबाई का विवाह शाहजी के साथ अल्प आयु में ही हो गया था । उन्होंने राजनीतिक कार्यों में सदैव अपने पति का साथ दिया ।

जीजाबाई एक महान देशभक्त थी, उनका सारा जीवन साहस और त्याग से भरा हुआ था। उन्होंने जीवन भर कठिनाइयों और विपरीत परिस्थितियों को झेलते हुए भी धैर्य नहीं खोया। इन्हें भारत की वीर राष्ट्रमाता के रुप में भी जाना जाता है। क्योंकि उन्होंने अपने वीर पुत्र छत्रपति शिवाजी महाराज को ऐसे संस्कार दिए और उनके अंदर राष्ट्रभक्ति और नैतिक चरित्र के ऐसे बीजे बोए जिसके चलते छत्रपति शिवाजी महाराज आगे चलकर एक वीर, महान निर्भिक नेता, राष्ट्रभक्त कुशल प्रशासक बने।

इसके अलावा हिन्दू साम्राज्य को स्थापित करने में भी उनकी भूमिका काफी महत्वूपर्ण रही। वह जीजाई, जीजाऊ, राजमाता जीजाबाई के नाम से भी जानी जाती थी। जीजाबाई ने इतिहास में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये जो मराठा साम्राज्य के विस्तार के लिये सहायक साबित हुए।

मराठा साम्राज्य को स्थापित करने में तथा उसकी नींव को मजबूती प्रदान करने में विशेष योगदान देने वाली जीजाबाई का निधन 17 जून 1674 ई. को हुआ। उनके बाद वीर शिवाजी ने मराठा साम्राज्य का विस्तार किया।

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