नागपंचमी पूजन का है विशेष महत्व

Aazad Staff

Festivals

नाग पंचमी (Nag Panchami) ऐसा पर्व है जिसमें सांप या नाग को देवता (Nag Devta) मानकर उसकी पूजा की जाती है। नाग पंचमी के दिन लोग दिन भर व्रत करते हैं और सांपों को दूध पिलाते हैं।

हिंदू धर्म में नाग पचंमी के त्योहार का बहुत ही महत्व होता है। इस दिन भगवान शिव के साथ-साथ नाग देवता की भी पूजा की जाती है। हर साल श्रावण मास की शुक्ल की पंचमी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। इस बार नाग पंचमी ५ अगस्?त यानी की आज है।नाग पंचमी सोमवार के दिन पड़ने पर इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है। दरअसल, सोमवार को भगवान शिव शंकर का दिन माना गया है।

नाग पंचमी का महत्?व
हिन्?दुओं में नाग को देवता की संज्ञा दी जाती है और उनकी पूजा का विधान है। दरअसल, हिन्?दू धर्म में नाग को आदि देव भगवान शिव शंकर के गले का हार और सृष्टि के पालनकर्ता श्री हरि विष्?णु की शैय्या माना जाता है। इसके अलावा नागों का लोगों के जीवन से भी गहरा नाता है। सावन के महीने में जमकर वर्षा होती है, जिस वजह से नाग जमीन के अंदर से निकलकर बाहर आ जाते हैं। ऐसे में माना जाता है कि अगर नाग देवता को दूध पिलाया जाए और उनकी पूजा-अर्चना की जाए तो वे किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।

नांग पंचमी के दिन एसे करें पूजा

नाग पंचमी के दिन सर्प को देवता मान कर पूजा करते हैं। इस दिन पूजा की विशेष विधि होती है। गरुड़ पुराण के अनुसार नाग पंचमी की सुबह स्नान आदि करके शुद्ध होने के पश्चात भक्त अपने घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर नाग का चित्र बनाएं या प्रतिमा स्थापित करें। इस दिन नागों को दूध, लावा, खीर इत्यादि खिलाना या चढ़ाना चाहिए। पौराणिक दृष्टि से नाग पूजा का संबंध महाभारत काल से माना जाता है।

नागपंचमी पर रुद्राभिषेक का भी अत्यंत महत्व है। पुराणों के अनुसार पृथ्वी का भार शेषनाग ने अपने सिर पर उठाया हुआ है इसलिए उनकी पूजा अवश्य की जानी चाहिए। ये दिन गरुड़ पंचमी के नाम से भी प्रसिद्ध है और नाग देवता के साथ इस दिन गरुड़ की भी पूजा की जाती है।

Latest Stories

Also Read

CORONA A VIRUS? or our Perspective?

A Life-form can be of many forms, humans, animals, birds, plants, insects, etc. There are many kinds of viruses and they infect differently and also have a tendency to pass on to others.