अपरा एकादशी:ऐसे करे व्रत, दूर होगी दरिद्रता

Aazad Staff

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इस दिन शालिग्राम और तुलसी जी की पूजा करनी चाहिए।

ज्येष्ठ कृष्णपक्ष एकादशी को पड़ने वाली अपरा एकादशी का व्रत आज है। अपरा एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है। शास्त्रों में अपरा एकादशी को अचला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। आज के दिन भगवान विष्णु एवं उनके पांचवें अवतार वामन ऋषि की पूजा की जाती है।

शास्त्रों की मान्यता के अनुसार इस व्रत को करने से जीवन में धन की चिंता और परेशानी खत्म होती है। अपरा एकादशी के व्रत को जो मनुष्य विधिवत करता है उसके जीवन से दरिद्रता दूर हो जाती है। इसके साथ ही ब्रह्मचर्य का पूर्णतः पालन करना चाहिए। एकादशी की कथा का श्रवण करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन उपवास करें और फलों का दान करें। रात में भगवान नाम का कीर्तन करते हुए जागरण करें। द्वादशी को स्?नान करके ब्राह्मणों को दान दक्षिणा देकर अपना व्रत खोलें।

अपरा एकादशी व्रत का महत्व
शास्त्रों के अनुसार अपरा एकादशी के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान करना पापों से मुक्ति दिलाता है। पंडित धनंजय पाण्डेय के अनुसार इस व्रत की अवधि में झूठ नहीं बोलना चाहिए।

इस व्रत में चावल का सेवन अशुभ माना गया है। इसलिए व्रत में चावल का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। व्रत में किसी भी प्रकार के नशे का सेवन नहीं करना चाहिए। अपरा एकादशी के व्रती को इस दिन बिस्तर पर शयन नहीं करना चाहिए। जमीन पर सोना शुभकारी माना गया है। इस दिन फल-फूल, पत्ते आदि नहीं तोड़ना चाहिए।

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