जाने क्या है अक्षय तृतीया और इसका महत्व

Aazad Staff

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अक्षय तृतीया वैशाख मास के शुक्‍ल पक्ष की तृतीय तिथि को मनाई जाती है। माना जाता है कि इस दिन कोई भी शुभ कार्य करने के लिए पंचागं देखने की जरूरत नहीं है। अक्षय तृतीया पर किए गए कार्यों का कई गुना फल प्राप्‍त होता है।

अक्षय तृतीया ७ मई २०१९ यानी मंगलवार के दिन पड़ रही है। इसे चिरंजीवी तिथि भी कहते हैं, क्योंकि यह तिथि ८ चिरंजीवियों में एक भगवान परशुराम की जन्म तिथि भी है। हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार वैशाख (Baisakh) का महीना खरीदारी करने के लिए बेहद शुभ माना जाता है। विशेषकर इस महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया जिसे अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) के नाम से भी जाना जाता है। देश में इस तिथि पर सोना और चांदी और अन्य वस्तु आदि खरीदना बेहद शुभ माना जाता है।

वैसे भी वैसाख का महीना सगाई, शादी के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे परशुराम जयंती और मां अन्नापूर्णा के जन्मदिवस के रुप में भी मनाया जाता है। इस दिन एक और मान्यता है कि मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं। राजा भागीरथ ने गंगा को धरती पर अवतरित कराने के लिए हजारों वर्ष तक तप कर उन्हें धरती पर लाए थे। इस दिन पवित्र गंगा में डूबकी लगाने से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।

इस दिन व्रत, दान- पुण्य आदि का बहुत बड़ा महत्व है ऐसा माना गया है कि इस दिन पूजा, व्रत और दान- पुण्य करने से कई गुना लाभ मिलता है। ऐसा भी माना जा रहा है कि इस बार ग्रहों का भी संयोग काफी अद्भुत बन रहा है।इससे पहले ऐसा संयोग २००३ में बना था । एक बार फिर अक्षय तृतीया ऐसे ही शुभ संयोग में पड़ रही है जो काफी शुभदायक है। इस दिन विवाह के अलावा और भी कई शुभ कार्य किये जा सकते हैं जैसे मुंडन ग्रह प्रवेश,सगाई,नया व्यापार ,सोना,गहने खरीदना शुभ माने जाते हैं। इस दिन शुरु कि गई नौकरी और व्यापार विशेष लाभ देते हैं।

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