George Bernard Shaw ( जार्ज बर्नार्ड शाह )

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George Bernard Shaw ( जार्ज बर्नार्ड शाह )

George Bernard Shaw ( जार्ज बर्नार्ड शाह)
Jun 5, 2011, 10:37 am ISTLeadersSarita Pant
George Bernard Shaw
  George Bernard Shaw

संसार मे यू तो कई महान हस्तिया हुई है जिनके रोचक संस्मरणों  से आम लोग वाकिब है लेकिन महान चिंतक  जार्ज बर्नार्ड की बात ही  कुछ और थी | कहा जाता है की पश्चिमी  देशो मे वे सबसे  शाकाहारी व महान जीव -जंतु प्रेमी थे | जार्ज बर्नार्ड के जीवन की एक दिल्चप्स घटना है | एक बार जब वह बहुत बीमार पडे तो डॉक्टरओ ने कहा कि अगर वह  अंडे और मास का शोरबा लेगे तो ही वह स्वस्थ  हो पायेगे | उन्हे डॉक्टरओ ने बहुत समझाया और कहा कि यदि वह उनकी बात नही मानेगे तो वह अवश्य  ही  मर जायेगे |

जार्ज बर्नार्ड ने डॉक्टरओ का आदेश मनाने से इंकार  कर दिया लेकिन डॉक्टर भी अपना निर्णय बदलने    को तैयार नही हुई | डॉक्टरओ ने जार्ज बर्नार्ड से अंत मे कह दिया कि उन्हे बीमारी से छुटकारा नही दिलाया जा सकता है | जब जार्ज बर्नार्ड कि हालत एकदम बिगड़ गई तथा उन्हे लगा कि अब शायद ही जिंदा रह पायेगे तो उन्होने अपने सैकेट्री  को बुलवाया और कोर्ट के एक वकील को लाने को कहा |

वकील के आने पर जार्ज बर्नार्ड शाह ने डॉक्टरओ के सामने ही अपनी 'विल ' (वसीयत ) लिखवाई जिसमे उन्होने कहा " मै जार्ज बर्नार्ड शाह शपथ पूर्वक कहता हू कि मेरी अंतिम इच्छा है , जब मै इस संसार से और अपने इस भौतिक   शरीर से आज़ाद हो जाओ तो जब मेरे शव को कब्रिस्तान ले  जाया जाये तो उस वक़्त निम्न  श्रेणी   के मातम मनाने वाले होंगे  :-

प्रथम पक्षी,  द्वितीय  भेडे, मेमने, गाए और अन्य सभी तरह के चोपयाई, तृतीय  पानी मै रहने वाले जीव मछलियों | मेरे  साथ कब्रिस्तान  तक चलते समय इन जीवो के गले मै एक विशेष कार्ड बंधा होगा , जिस पर अंकित होगा ' है प्रभु ' हमारे हितचिन्तक जार्ज बर्नार्ड  शाह पर दया करना , जिसने दूसरे जीवो कि प्राण रक्षा के लिये अपना जीवन न्यौछावर  कर दिया |

कहा जाता है कि इस ' विल '  को लिखने के बाद जार्ज बर्नार्ड शाह ने प्राण त्याग दिये और उनकी अंतिम इच्छा को 'विल ' को ध्यान  मै रखते हुई उन्हे कब्रिस्तान  तक एक जुलुस के रूप मे पहुचाया गया |

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