मालदीव सरकार में सियायसी संकट का मंजर

Aazad Staff

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मालदीव सरकार ने सुरक्षाबलों को आदेश दिया है कि वे सुप्रीम कोर्ट के उन निर्देशों को न माने जिसमें राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन को गिरफ्तार करने या उन पर महाभियोग चलाने की बात कही गई हो.

मालदीव में सर्वोच्च अदालत और सरकार के बीच टकराव और अधिकक गंभीर होता जा रहा है। कोर्ट ने बीते गुरुवार को कहा है कि विपक्ष के 9 नेताओं को छोडने के उनके आदेश को अमल में लाया जाना चाहिए। सरकार के विरोधी रवईयें के बीच मुख्य न्यायाधीश ने अपनी जान को खतरा बताया है।

मालदीप सरकार ने रविवार को वपक्षीय ताकतों पर काबू पान के लिए संससद के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। विपक्षिय मालदीप यूनाइटेड ने जोर देते हुए कहा है पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन देश पर अवैध तरीके से शासन कर रहे है।विपक्षी दल मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रवक्ता हामिद अब्दुल गफूर ने कहा कि पुलिस ने रात में दो वरिष्ठ जजों को गिरफ्तार करने की कोशिश की जिसमें चीफ जस्टिस भी शामिल हैं, उन पर रिश्वत लेने के आरोप लगाए गए हैं.

उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार न्यायपालिका की ताकत खत्म करना चाहती है। पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद इस समय श्रीलंका में हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार और राष्ट्रपति को तुरंत पद से इस्तीफा देना चाहिए. उन्होंने सुरक्षाबलों से अपील की कि वे संविधान की रक्षा करें। दोनों सांसदों को हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया। वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानने से इनकार कर दिए जाने के बाद आर्मी को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने जहां अपने आदेश अमल करने को कहा है, वहीं सरकार ने पुलिस और सेना को आदेश दिया है कि वे राष्ट्रपति की गिरफ्तारी या उन पर महाभियोग चलाने के आदेश को मानने से इनकार कर दें।सुप्रीम कोर्ट ने भारत समेत सभी लोकतांत्रिक देशों से देश में कानून का शासन बनाए रखने में मदद मांगी है।

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